बेचैनी

Priya Pandey
Jun 14, 2021

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रात के छोर पर पाँव सुजाती लौटी हैं बेचैनी,
मुझ संग पीठ लगा कर गुफ़्तगू करने को !
तन्हाई के छोर पर हाँफती लौटी हैं बेचैनी,
मुझ संग बिन इजाज़त लिए उलझने को…!!!

पूरी कविता जरूर पढ़ें 🙂👇🏻

Bechaini
https://www.priyapandey.com/2021/06/Bechaini.html

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