PinnedPriya Pandeyईमानमुनाफ़े का झोला उठाए बिकते हैं इंसान सभी ! ईमान से जो ना बिक पाए ऐसा कोई इंसान नही !Jun 20, 2021Jun 20, 2021
Priya Pandeyइंतज़ार ज़िंदा रखा हैंधैर्य को तन पर सदा से अटका रखा हैं ! पथराई सी मुस्कान लिए तुम्हारा इंतज़ार ज़िंदा रखा हैं ! उम्मीदों को मन पर सदा से लिपटा रखा हैं !Jun 17, 2021Jun 17, 2021
Priya Pandeyबेचैनीरात के छोर पर पाँव सुजाती लौटी हैं बेचैनी, मुझ संग पीठ लगा कर गुफ़्तगू करने को ! तन्हाई के छोर पर हाँफती लौटी हैं बेचैनी, मुझ संग बिन…Jun 14, 2021Jun 14, 2021
Priya Pandeyतरक्कीअब ईमान से उठ कर चापलूसी कर रहे हैं लोग ! आजकल धीरे धीरे तरक़्क़ी कर रहे है लोग ! अब हालातों से उठ कर गम्भीर बन रहे हैं लोग !Jun 7, 2021Jun 7, 2021
Priya Pandeyपछतावाकाश फ़ैसलों के पन्नों को जला ही दिया होता, तो आज पछतावे में दर्ज मेरा नाम ना हुआ होता ! काश चुप्पी को ज़ुबान पर चढ़ा ही दिया होता, तो आज…Jun 4, 2021Jun 4, 2021
Priya Pandeyबारिकियाँरग रग को आहिस्ता आहिस्ता पढ़ती हैं, बारिकियाँ चुपके से ! ज़हन को आहिस्ता आहिस्ता झांकती हैं, बारिकियाँ चुपके से !Jun 1, 2021Jun 1, 2021
Priya Pandeyयोग्यताथोड़ी बंदिशें भी कुछ योग्यताओं का गला घोंटती हैं ! तो किसी मंच पर भी योग्यताएँ दम तोड़ती हैं !May 29, 2021May 29, 2021
Priya Pandeyकर्मबुझे कर्म जब कपट समेटे, तब भाग्य बैठा निर्भय से सोए ! बुझे कर्म जब दरिद्रता लपेटें, तब भाग्य बैठा निर्भय से रोए !May 27, 2021May 27, 2021
Priya Pandeyसत्यमिथ्या के ज़ायक़े चखते रहे, अब सत्य ज़ुबान पर चढ़ता ही नही ! मिथ्या से मिलाप करते रहे, अब सत्य चौखट पर मिलता ही नही !May 25, 2021May 25, 2021
Priya Pandeyमन का शोरअनुभवों में पीड़ा को गढ़ रहा, कैसा हैं ये मन का शोर ! दुःख से ह्रदय को कचोट रही, कैसी हैं ये मन की डोर !May 22, 2021May 22, 2021